📍नई दिल्ली | 5 months ago
India-China Relations: भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अगले हफ्ते अपने चीनी समकक्ष डोंग जुन से मुलाकात करेंगे, जो पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर हाल ही में हुई सेना की वापसी के बाद दोनों देशों के बीच पहली उच्च-स्तरीय बैठक होगी। यह मुलाकात ASEAN रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन (ADMM-Plus) के दौरान लाओस में होगी।
पिछले महीने, भारत और चीन की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग इलाकों में साझा गश्त की थी। यह गश्त उस समय हुई जब दोनों देशों ने इन क्षेत्रों से सेनाओं के हटने के बाद शांति बनाए रखने के लिए साप्ताहिक समन्वित गश्त पर सहमति व्यक्त की। यह कदम 2020 में गलवान घाटी में हुए टकराव के बाद बढ़ते तनाव को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।
21 अक्टूबर को भारत ने चीन के साथ एक समझौता किया, जिसके तहत दोनों देशों की सेनाएं LAC पर सीमित गश्त करेंगी। यह समझौता चार साल से चल रहे सीमा विवाद को समाप्त करने के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जिसे 2020 के गलवान संघर्ष के बाद शुरू हुए सैन्य गतिरोध के रूप में देखा गया था।
ADMM-Plus एक वार्षिक बैठक है जिसमें ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, रूस और अमेरिका सहित आठ देशों के रक्षा मंत्री भाग लेते हैं। इस साल की बैठक में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद और क्षेत्रीय स्थिरता पर चर्चा की संभावना है।
अप्रैल 2023 में भारत में हुई शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू से मुलाकात की थी। इस बैठक में भी सीमा मुद्दे पर व्यापक चर्चा हुई थी। इससे पहले 2020 में मास्को में हुई SCO बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंघे से मुलाकात की थी, जो गलवान संघर्ष के कुछ महीनों बाद हुई थी।
हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस में आयोजित BRICS सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की। यह मुलाकात LAC समझौते पर हस्ताक्षर के बाद हुई, जिससे दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की दिशा में एक और कदम बढ़ा।
लाओस में होने वाली आगामी बैठक दोनों देशों के बीच जटिल संबंधों में संवाद बनाए रखने और एक-दूसरे के प्रति समझ को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।